Best Sexologist in Prayagraj UP India

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Dr. S K Mishra Best Sexologist Prayagraj Allahabad India

डॉ एस के मिश्रा बेस्ट आयुर्वेद सेक्सोलॉजिस्ट Bsc BAMS CSD PGCCH MCRI Mumbai ex RMO Govt Ayurvedic College Prayagraj India

Welcome to Our Clinic

The best Sexologist Allahabad

Dr S K Mishra clinic is a renowned sexual health care center in Prayagraj (Allahabad)India, established by the best Sexologist -Dr S K Mishra is a well respected and experienced doctor in field of Ayurveda over the years, the clinic has been a place of hope for individuals seeking traditional and natural remedies for sexual disorder.

At Dr S K Mishra clinic patients can access a wide range of Ayurvedic treatment and therapies catering two different sexual condition with Sexologist to discuss concerns and determine the best treatment plan.Our extensive collection of herbal medicine very effective in treating chronic sexual disorders.We aim to provide the best quality of care and support to all our patients and help the achieve optimal sexual health and well being.

Dr S K Mishra is skilled and experienced Ayurvedic Sexologist.He provide good care and attention to each patient, they have deep knowledge of the traditional principle of Ayurveda and use them to provide the best ayurvedic treatment for sexual problems

Dr S K Mishra

Sexologist

Our Approach

At Anant Ayurvedic Clinic, we believe in a holistic approach to sexual wellness. Our experienced and specialized Ayurvedic doctor, Dr S K Mishra, provides effective and advanced Ayurvedic treatments for various male sexual problems. With a focus on natural healing and without any side effects, we offer solutions for erectile dysfunction, premature ejaculation, loss of libido, and more. Trust us to restore your sexual wellness and enhance your overall well-being.

About Anant Ayurvedic Clinic

Anant Ayurvedic Clinic is a leading clinic in Prayagraj(Allahabad), UP, India, specializing in Ayurvedic treatment for sexual dysfunction. Dr S K Mishra, our renowned sexologist and Ayurvedic doctor, has experience of many years in providing effective solutions for male sexual problems. We prioritize the well-being and satisfaction of our patients, offering good care and treatment plans.

Unlock Your Sexual Wellness with Anant Ayurvedic Clinic

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रोग का कारण-हमारा शरीर सात धातु रस रक्त मांस मेद अस्थि मज्जा शुक्र एवं तीन दोष वात पित्त कफ के संतुलन के बिगड़ने से रोग उत्पन्न होता है शुक्र(वीर्य) के कमी से शरीर के सभी धातुएं कमजोर हो जाती है और विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होने लगता है ऐसे ही हमारे शरीर में 13 प्रकार के अधारणीय वेग होते हैं जिसको नहीं रोकना चाहिए जैसे मल मूत्र अपान वायु उल्टी छींक डकार जम्हाई भूख प्यास अश्रु निद्रा एवं शुक्र(वीर्य) के वेग को रोकने से टेस्टिस में दर्द वीर्य के नस में दर्द लिंग के नसों में दर्द लिंग का ढीला होना जाने अनजाने में वीर्य निकलना पेट में दर्द कब्ज दिल के गति में रुकावट धड़कन पेट फूलना शरीर में भारीपन अरुचि पक्षाघात सिर में दर्द ब्लड प्रेशर मानसिक बीमारी एवं अनेक प्रकार के गंभीर रोग उत्पन्न होता है इसका इलाज किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलकर के जितनी जल्दी हो सके करना चाहिए यह पूर्णतया ठीक हो जाता है

Impotency (नपुंसकता)_अल्पावस्था में हस्तमैथुन अयोनि मैथुनादि कारणों से प्रथम कच्चा मार्ग खुल जाता है उसके पश्चात अधिक स्त्री संभोग तथा कुसंगति एवं आधुनिक कामवासना मद्यपान गलत चित्रपटो को अधिक देखने के कारण मन की स्थिति सदा काम भावनाओं से लिप्त होने के कारण अधिक वीर्यक्षय होने लगता है एवं खाद्य सामग्री कृत्रिम होने से सारहीन होने के कारण मस्तिष्क अत्यंत दुर्बल पड़ जाता है तथा मस्तिष्क के द्वारा संचालित होने वाले समस्त अंग भी शिथिल हो जाते हैं इस प्रकार जननेंद्रिय संबंधी स्नायु तथा नाड़ी मंडल के दुर्बल हो जाने से मनुष्य मैथुन करने में आशक्त हो जाता है इसे क्लीब (नपुंसकता) कहते हैं उन भिन्न-भिन्न मनोविघात कारक भाव के द्वारा संभोग करने की इच्छा वाले मनुष्य के चित्त पर आघात पहुंचने से कामकथा होने पर भी लिंग उठता नहीं इसी अवस्था को नपुंसकता कहते हैं आयुर्वेद में कुल 7 प्रकार का होता है मानसिक होने पर मानसिक नपुंसकता कहते हैं ज्यादा कटु अम्ल लवण युक्त भोजन करने से शरीर में पित्त कुपित हो जाता है और शुक्र का क्षय करने लगता है इसे पित्तज नपुंसकता कहते हैं अधिक संभोग करने के कारण वीर्य क्षय होने के कारण शुक्रक्षयज नपुंसकता कहते हैं लिंग संबंधी रोग उपदंश आदि के कारण भी यह रोग होता है वीर्य वाहिनी सिरा में चोट लगने से उपघातज नपुंसकता कहते हैं वीर्यवाहिनी में रूकावट होने से शुक्र स्तंभज नपुंसकता कहते हैं लिंग के अत्यधिक छोटे होने कारण इसको सहज नपुंसकता कहते हैं इस प्रकार सात प्रकार की नपुंसकता आयुर्वेद में वर्णन किया गया है जो आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है

धातु रोग स्वप्नदोष एवं नपुंसकता के लक्षण-जो लोग बहुत कम उम्र में अपने वीर्य को नष्ट कर देते हैं उन्हें प्राण नाशक धात रोग हो जाता है इसमें वीर्य रोकने वाली नसें ढीली पड़ जाती है इस दशा में स्त्री याद करने अथवा देखने मात्र से ही वीर्य गिर जाता है इसमें रोगी का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है कमर में दर्द होना आंखों के सामने अंधेरा छा जाना हाथ पैर का कांपना दिल की धड़कन बढ़ जाना नींद का कम आना नहाते समय पेशाब लग जाना मन उदास रहता है आलस्य बना रहना भूख नहीं लगती खाना हजम नहीं होता है कब्ज हो जाता है जाने अनजाने में वीर्य निकल जाता है और लिंग में तनाव ठीक से नहीं आता है लिंग टेढ़ा होकर शिथिल हो जाता है संभोग करते समय लिंग ढ़ीला हो जाता है और कभी कभी तनाव आने से पहले ही वीर्य निकल जाता है, पेशाब बार बार लगती है ऐसा लगता है जैसे पेशाब नली में कुछ फंसा हुआ है वीर्य पानी जैसा पतला हो जाता है लिंग का मुख हमेशा गीला रहता है‌ पुरुष मैथुन करने मैं सक्षम नहीं हो पाता है ऐसे पुरुष शादी करने से घबराते हैं मन में तरह-तरह के बहम उठता है और शर्म के कारण किसी को बताते नहीं रोग अंदर अंदर बढ़ता चला जाता है फिर धीरे-धीरे रोगी नपुंसक हो जाता है इससे घबराये नहीं किसी कुशल चिकित्सक से मिले यह रोग पूर्णतया ठीक हो जाता है आयुर्वेद अमृत है इसे अपनाये

Sexual transmitted disease (STD)-जीवाणु एवं वायरस से संक्रमित पुरुष या स्त्री जब संपर्क में आते हैं तो संक्रमण स्वस्थ पुरुष या महिला मे हो जाता है संपर्क में आने के बाद जननेंद्रिय की श्लेष्मा त्वचा पर जो सूक्ष्म क्षत घाव उनमें से जीवाणु शरीर में प्रवेश करता है संक्रमण का यह प्रथम मार्ग होता है इसे Venereal disease कहते हैं इसमें पुरुष या स्त्री के जननांग में लालिमा बाद में घाव होने लगता है syphilis के जीवाणु भी मैथुन के द्वारा फैलता है इसमें लिंग मुंड पर दाने निकलते हैं पहले छोटे रहते हैं फिर बाद में बड़े हो जाते हैं और यह अनवरत बहुत दिनों तक चलता रहता है यह पुराना होने पर चमड़ी ओस्ठ जीभ तालु तथा गाल पर छाले पड़ने लगते हैं छाले गोल छोटे-छोटे हल्के काले रंग की हो सकते हैं इसकी ठीक से चिकित्सा न करने पर शरीर में भयंकर से भयंकर बीमारियां उत्पन्न होती है इसका इलाज जितनी जल्दी हो सके करना चाहिए